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प्यारे दोस्तों आज हम आपको यहां पर रावण रचित शिव तांडव स्त्रोतम के बारे में बताने जा रहे हैं | उसके साथ साथ हम आपको Shiv Tandav Lyrics सभी भाषाओं में नीचे देने जा रहे हैं जिससे आप सभी भाषाओं में रावण रचित शिव तांडव को अपनी भाषा में पढ़ सकें |और अगर आप इसे याद करना चाहते हैं | तो आप इसे आसानी से अपनी भाषा में याद कर सकते हैं और इसके साथ-साथ इसे गाने का तरीका भी हम आपको यहां पर बताएंगे जिससे आप आसानी से इसे याद करके गा भी सकते हैं|
Shiv Tandav पड़ने से बनते है बिगड़े काम:
अगर आप नियमित तौर पर “ Shiv Tandav Stotram ” का जाप करते हैं | और आप इसको पढ़ते हैं| तो आप पर भगवान शिव की असीम अनुकंपा रहती है | और आप सभी बुराइयों और समस्याओं से बचे रहते हैं | येसा माना जाता है, यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है | आप यहां पर Shiv Tandav Stotram को आसानी से गा सकते हैं और इसे याद कर सकते हैं |
what is shiva tandav strotam?
शिव तांडव स्त्रोत तम रावण द्वारा रचित है | इसलिए इसे रावण तांडव स्त्रोतम के नाम से भी विख्यात माना जाता है रावण ने इसकी रचना संस्कृत में की है जिसमें 17 सालों को मैं श्री भगवान शिव की स्तुति का वर्णन किया गया है जब रावण ने अहंकार बस भगवान शिव की कैलाश पर्वत को उठाने का प्रयास किया था तब भगवान शिव द्वारा अपने अंगूठे से ही पर्वत को नीचे दबाकर उसे स्थिर कर लिया था जिससे रावण का हाथ पर्वत के नीचे ही दबा रह गया था|
उस समय रावण ने भगवान शिव की स्तुति की थी और वहां पर रावण द्वारा शिव तांडव स्त्रोतम की स्तुति हुई थी इसलिए रावण शिव तांडव स्त्रोतम भगवान शिव के लिए अत्यधिक प्रिय माना जाता है इस पाठ को करने से भगवान से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं यह स्रोत बहुत ही चमत्कारी और लाभकारी माना जाता है|
Benefits of Shiv Tandav Stotram
- नियमित तौर पर शिव तांडव स्त्रोत का बखान करने से भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं जिससे धन-संपत्ति की कमी नहीं रहती है|
- शिव तांडव की स्तुति करने पर उसे करने वाले व्यक्ति को मनोवांछित फल मिलता है|
- भगवान शिव सभी सिद्धियों को पूर्ण करते हैं इसलिए जो भी व्यक्ति शिव तांडव का जाप करता है उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है|
- सभी व्यक्तियों के रोग समस्याएं पीड़ा भगवान अति शीघ्र हर लेते हैं जो भी व्यक्ति शिव तांडव स्त्रोत तम का जाप करते हैं|
- जिन लोगों की कुंडली में सर्प योग या कोई दोस्त या पित्र दोष लगा होता है ऐसे लोग शिव तांडव का जाप करने से अत्यधिक लाभ मिलता है|
- भगवान शिव के Shiv Tandav Stotram के नियमित जाप करने से वाणी की सिद्धि की जा सकती है|
- नियमित तौर पर शिव तांडव स्त्रोत पाठ करने से चेहरा तेज में और प्रभावशाली हो जाता है|
Ravan Rachit shiv tandav pdf:
अगर आपको रावण रचित शिव तांडव स्त्रोत को पढ़ने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है | तो आपको यहां पर ‘ Ravan Rachit Shiv Tandav Pdf , दी जा रही है आप यहां पर ” Ravan Rachit Shiv Tandav Pdf ” के माध्यम से इसे आसानी से पढ़ सकते हैं और आपको कोई समस्या आती है तो आप Ravan Rachit Shiv Tandav Pdf Download भी कर सकते हैं |
Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi?
अगर आप Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi में पढ़ना चाहते हैं | तो आपको यहां पर Shiv Tandav Stotram Hindi में बताया गया है इसे आप हिंदी में आसानी से पढ़ सकते हैं |
जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावित स्थले
गलेऽव लम्ब्य लम्बिताम भुजंग तुंग मालिकाम् |
डमड्ड मड्ड मड्ड मन्नी नाद वड्ड मर्वयम
चकार चंडतांडवम तनोतु नः शिवः शिवम || 1 ||
जटा कटा हसम भ्रमम भ्रमन्नि लिंपनिर्झरी
विलोलवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि ||
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ल ललाट पट्टपावके
किशोर चंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममम || 2 ||
धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधु बंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मान मानसे ||
कृपा कटाक्ष धारणी निरुद्ध दुर्धरापदि
कवचिद दिगम्बरे मनो विनोद मेतु वस्तुनि || 3 ||
जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणा मणिप्रभा-
कदंब कुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्व धूमुखे ||
मदांध सिंधु रस्फुरत्व गुत्तरीय मेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि || 4 ||
सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रि पीठभूः ||
भुजंगराज मालया निबद्ध जाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः || 5 ||
ललाट चत्वरज्वलद्धनंजय स्फुरिगभा-
निपीत पंचसायकम निमन्निलिंप नायम् ||
सुधा मयुख लेखया विराज मानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजया लमस्तू नः || 6 ||
Shiv Tandav Stotra Lyrics Hindi
कराल भाल पट्टिका धगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृत प्रचंड पंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्र चित्र पत्रक-
प्रकल्प नैक शिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम || 7 ||
नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्ध रस्फुर-
त्कुहु निशीथि नीतमः प्रबंध बंधु कंधरः ||
निलिम्प निर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कला निधान बंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः || 8 ||
प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंच कालि मच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंध कंधरम् ||
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांध कच्छिदं तमंत कच्छिदं भजे || 9 ||
अखर्व सर्वमंगला कला कदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् ||
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांत कांध कांतकं तमंत कांतकं भजे || 10 ||
जयत्वद भ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंग मश्वसद,
विनिर्ग मक्र मस्फुरत्कराल भाल हव्यवाट्,
धिमिन्ध मिधि मिन्ध्व नन्मृदंग तुंगमंगल-
ध्वनि क्रम प्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः || 11 ||
दृषद्विचित्र तल्पयोर्भुजंग मौक्तिकम स्रजो-
र्गरिष्ठरत्न लोष्टयोः सुहृद्विपक्ष पक्षयोः ||
तृणार विंद चक्षुषोः प्रजा मही महेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे || 12 ||
कदा निलिं पनिर्झरी निकुज कोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्।
विमुक्त लोल लोचनो ललाम भाल लग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्कदा सुखी भवाम्यहम् || 13 ||
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फ निर्भक्षरन्म धूष्णिका मनोहरः ||
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनीं महनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः || 14 ||
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्ट सिद्धि कामिनी जनावहूत जल्पना ||
विमुक्त वाम लोचनो विवाह कालिक ध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् || 15 ||
इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम् ||
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम || 16 ||
पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ||
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः || 17 ||
|| इति शिव तांडव स्तोत्रं संपूर्णम् ||
Shiv Tandav Lyrics In English
Jatavigalajalpravapavitasle throat,valambylambitan bhujangtungamalikam.
Dumddamdmadmanninadvaddamrvyam chakarchandtandavam tanotu nah shivo shivam 1॥
Jatakatahdelusiondelusionnilimpanirjhari vilolavichivalli sarajamanmurdhani.
dhagaddhagadgajjavallallatpattapavke kishorechandrashekhre ratih pratikshanam mam 2॥
Dharadharendranandini Vilasbandhubandhubandhusfuradigantasanti Pramod Manmanse.
Kripakatakshadhoraninirudhadurdharapadi kwachidvigambre manovinodmetu vaastani 3॥
JatabhujangPingalSphuratphanmaniprabha Kadambakunkumdravpraliptadigvadhumukhe.
Madandhasindhursphuratvaguttriyamedure manovinoddabhutam bimbhartubhutbhartri 4॥
SahasralochanprabhrityaSeshlekhShekhar Prasoondhulidhorani Vidhusaranghripeethbhuh.
Bhujangarajamalayanibdjatjutakah sriyachirayajayatam chakorbandhushekhar: 5॥
Lalachattvarjwalinjayasfulingabha nipeethapanchasayakanmannilimpanayakam.
Sudhamayuklekhaya Virajmanasekharam Mahakapalisampade Shirojatalamastunah 6॥
Karalbhaalpattikaaddhigaddhagajjwalinjaya dharikritprachandapanchasayke.
Dharadharendranandinikuchagrachitrapatrakaprakalpanaikshilpini trilochaneratirmam 7॥
Naveenmeghamandaliniruddhadurdhasfurtkuhunishithneetamh prabdhabandhakandharah.
nilimpa nirjharidharastanotu krittisindhurah kalanidhanbandhurah sriyam jagandhurandharah 8॥
Prafullanilpankajprapanchkalimprabha Ironically, raruchi manbandharam.
smarachhindam purachhind bhavachhindam makhachhindam gajachchidandhakachhindam tamantakchhindam bhaje 9॥
Akharvasarvamangala Kalakadambamanjari Rasprava Madhuri Vijrumbhana Madhuvratam.
Smrantakam Puratakam Bhavantakam Makhantakam Gajantkandhakantakm Tamantakantam Bhaje 10॥
Jayatvadabhradelichuambhudbhujangamsfurddhagadvinimatkaral bhal havyavat.
Dhimiddhimidhimidhvanmridangtungamangaldhvanikrampratita: Prachanda Tandavah Shiva: 11॥
Drishdvichitratlapyorbhujangamouktikamasrajorgarishratnaloshthyoh suhridvipakshapaksyoh.
Trinarvindchakshushoh prajamahimahendrayoh sam pravartayanmanah sometimes sadashiv bhaje 12॥
Sometimes nilimpa nirjhari nikunjakotare vasan vimuktdurmatih always shirasthamanjalim vahan.
Vimuktolollochno lalambhallagnak: shiveti mantramuchharan kada sukhi bhavamayam 13॥
Nilimpa nathanagari kadamba maulamalika-nigumphnirbhaksharanam dhushnikamanoharah.
Tanotu no manomudam vinodinimahanisham parishraya param padam tadangjatvishan chayah 14॥
Prachanda Vadavanal Prabhashubhpracharani Mahashtasiddhikamini Janavahoot Jalpana
Vimukt Vam Lochano Vivahkaalikadhoni: Shiveti Mantrabhushago Jagajjay Jaytam 15॥
Im hi nityameva muktamuktottam stavam pathansmaran bruvannaro vishuddhameti santtam.
Hare guru subktimashu yati nanyathagatim vimohanam hi dehanam sushankarsya chintanam 16॥
Pradoshe recited pujavasanasamye dashakritrgeetam ya shambhupujanparam.
Tasya stable Rathagajendraturangayuktam Lakshmi always Sumukhim Pradaati Shambhuh 17॥
Shiv Tandav Stotram Lyrics In Bengali
জাতভি গলজ্জল প্রবাহ পবিত্র স্থান
গলিব লম্ব্যা লম্বিতম ভুজং তুং মালিকম |
দমদ্দ মদ্দ মদ্দ মান্নি নাদ ভাদ মারওয়ায়ম
চাকর চন্দতাণ্ডবম তনোতু ন শিবঃ শিবম || 1 ||
জটা কাতা হাসম ভ্রম ভ্রমন্নি লিম্প নির্ঝরি
বিল্লোলভি চিভল্লি বিরাজমান মুর্ধানি ||
ছোরা
কিশোর চন্দ্রশেখর রতিঃ প্রতিক্ষণম মমম || 2 ||
ধারা ধরেন্দ্র নন্দিনী বিলাস ব্রাদার্স-
প্রমোদ মান মানসে ||
কৃপা ব্যঙ্গ ধরণী গ্রেফতার দুর্ধারাপদী
কবচিদ দিগম্বরে মনো বিনোদ মেতু বস্তানি || 3 ||
জটা ভুজন গাপিঙ্গল স্পিরাতফানা মণিপ্রভা-
কদম্ব কুমকুম দ্রাবিড় আবির্ভূত দিগ্বা ধুমুখে ||
মদন্ধ সিন্ধু রসফুর্ত্বা গুত্তরিয়া মেদুরে
মনো বিনোদদ্ভূতম্ বিম্বর্তু ভূতভর্ত্রী || 4 ||
সহস্র লোচন প্রভতি শেশলেখশেখর-
প্রসূন ধুলিধোরাণী বিধুসারংঘরী পীঠভুঃ ||
ভুজংরাজ মলয় আবদ্ধ জাতযুতকঃ
শ্রী চিরায় জয়তন চকোর বন্ধুশেখর || 5 ||
সম্মুখ চাটভর্জাভালদিনজায়া স্ফুরিগভা-
নিপীঠ পঞ্চাশয়কম নিমান্নিলিম্প নয়ম ||
সুধা ময়ূখ লেখ্যা বিরাজ মানশেখরম
মহা কাপালি সম্পদে শিরোজয়া লমস্তু নহ || 6 ||
করাল ভাল ফলক
ধনঞ্জয়া ধরীকৃত প্রচণ্ড পঞ্চসায়েকে।
ধরধরেন্দ্র নন্দিনী কুচগড়া ছবির শিট-
প্রকল্প নাক শিল্পিনী ত্রিলোচনে মতিরমম || 7 ||
নবীন মেঘের বৃত্ত নিরুদ্ধুর্ধা রসফুর-
তুকুহু নিশীথি নিতমঃ প্রবন্ধ বন্ধু কান্ধরঃ ||
নিলিম্পা নির্ঝরি ধরস্তানোতু কৃত্তি সিন্ধুরঃ
কালা নিধান বন্ধুরাঃ শ্রী জগন্ধুরন্ধরঃ || 8 ||
প্রফুল্ল নীল পঙ্কজ প্রপঞ্চ কালী মাছতা-
বিদ্রূপাত্মকভাবে
স্মরছিন্দম পুরাছিন্দ
গজছিদন্ধ কচ্ছিদম তমন্ত কচ্চিদম ভজে || 9 ||
আখর্ব সর্বমঙ্গলা কাল কদম্বমঞ্জরী-
রাসপ্রভা মাধুরী বিজুম্ভনা মধুব্রতম ||
স্মৃতিকম পুরাতকম ভবন্তকম মখন্তকম
গজন্ত কান্ধ কান্তকম তমন্ত কান্তকম ভজে || 10 ||
জয়তবাদ ভ্রমবাদ ভ্রমভুজং মশবাসদ,
ভিনিরগা মাকর মাসফুর্তকরল ভাল হাব্যওয়াত,
ধীমিন্ধা মিধি মিন্ধওয়া নানমৃদং তুঙ্গমঙ্গল-
ভয়ঙ্কর তান্ডবঃ শিবঃ দ্বারা ধ্বনি ক্রমটি শুরু হয়েছিল 11 ||
বিশদ্বিচিত্র তলাপ্যোরভুজং মৌক্তিকম স্রজো-
গরিষ্টরত্ন লোষ্ট্যোঃ সুহৃদিপক্ষ পক্ষয়োঃ ||
ত্রিনার বিন্দ চক্ষুষো প্রজা মহি মহেন্দ্রয়োঃ
সমা প্রবর্তায়ণমানঃ কখনো সদাশিবম ভজে || 12 ||
কদা নীলিম পানিরঝারি নিকুজ কোটরে বাসন
বিমুক্তদুর্মতিঃ সর্বদা মস্তক।
বিমুক্ত লোল লোচনো লালম ভাল লগ্নকঃ
শিবেতি মন্ত্রমুচরণকদা সুখী ভাবময়ম্ || 13 ||
নীলিম্পা নাথনগরী কদম্ব মৌলমালিকা-
নিগুম্ফ নির্ভক্ষরণম্ ধুশ্নিকা মনোহরঃ ||
তনোতু ন মনোমুদম্ বিনোদিনিন মহনীশম্
পরাশরে পরম পদম তদংজাতবিষম ছায়াঃ || 14 ||
প্রচণ্ড ভাদাভানাল
মহাষ্ট সিদ্ধি কামিনী জনবহুত জল্পনা ||
বিমুক্ত বম লোচ্নো বিবাহের সময় শব্দঃ
শিবেতি মন্ত্রভূষাগো জগজ্জয় জয়তম || 15 ||
ইম হি নিত্যমেব মুক্তমুক্তোত্তম স্তবম্
পাঠানস্মরণ ব্রুবন্নরো বিশুদ্ধমেতি সন্তম্ ||
হরে গুরু সুবক্তিমাশু যতি নয়থা গতি
বিমোহনম্ হি দেহনা তু শঙ্করস্য চিন্তনম্ || 16 ||
পূজা-বাসনাসম্যে
ইয়া শম্ভুপূজনমিদম পথতি প্রদোষে ||
তস্য স্থির রথগজেন্দ্রতুরঙ্গযুক্তান
লক্ষ্মী সর্বদা সুমুখী প্রদাতি শম্ভুঃ || 17 ||
, ইতি শিব তান্ডব স্তোত্রম সমগ্রম ||
Shiv Tandav Stotram Lyrics In Tamil
ஜாதவிகலஜல்ப்ரவபவிதாஸ்லே தொண்டை, வலம்பிளம்பிதான் புஜங்துங்கமாலிகம்.
தும்தம்த்மத்மன்னிநாத்வாத்மார்வ்யம் சாகர்சந்த்தாண்டவம் தனோது நஹ் ஷிவோ சிவம் 1॥
ஜாதகதஹ்தெலுஷன்டெலுஷன்நீலிம்பனிர்ஜாரி விலோலாவிச்சிவல்லி சாரஜமான்மூர்தானி.
தகத்கத்கட்கஜ்ஜவல்லல்லாத்பட்டபாவ்கே கிஷோர்சந்திரஷேக்ரே ரதிஹ் பிரதிக்ஷணம் மாம் 2॥
தாரதரேந்திரநந்தினி விலாஸ்பந்துபந்துபந்துஸ்புரதிகாந்தசந்தி பிரமோத் மன்மன்சே.
கிருபகடக்ஷதோரணிநிருததூர்தரபாடி க்வாச்சித்விகம்ப்ரே மனோவினோத்மேது வாஸ்தனி 3॥
ஜடபுஜங்க்பிங்கல் ஸ்ஃபுரத்பன்மணிபிரபா கடம்பகுன்கும்த்ரவ்ப்ரலிப்ததிக்வாதுமுகே.
மதந்தசிந்துர்ஸ்புரத்வாகுத்ரியமேதுரே மனோவிநோத்தபூதம் பிம்பார்துபுத்பார்த்ரி 4॥
சஹஸ்ரலோச்சன்பிரப்ரித்யா சேஷ்லேக் சேகர் பிரசூந்துளிதோரணி விதுசரங்க்ரிபீத்புஹ்.
புஜங்கராஜமாலயநிப்ட்ஜதஜூடகாh ஸ்ரீசிராயஜெயதம் சகோர்பந்துஷேகர்: 5॥
லலாச்சத்வர்ஜ்வாலின்ஜயஸ்ஃபுலிங்கபா நிபீதபஞ்சசயகன்மன்னிலிம்பநாயகம்.
சுதமயுக்லேகாய விராஜ்மணசேகரம் மஹாகபாலிசம்படே சிரோஜதாலமஸ்துனா 6॥
கரால்பால்பட்டிகாஅதிகத்கஜ்ஜ்வாலிஞ்சயா தரிகிர்த்பிரசந்தபஞ்சசாய்கே.
தாரதரேந்திரநந்தினிகுசக்ரசித்ரபத்ரகபிரகல்பானைக்ஷில்பினி த்ரிலோச்சநரதிர்மம் 7॥
நவீன்மேகமண்டலினிருத்ததூர்தாஸ்புர்த்குஹுநிஷித்நீதம் பிரப்தபந்தகாந்தராஹ்.
நிலிம்ப நிர்ஜரிதரஸ்தனோடு கிருதிசிந்துராஹ் கலநிதான்பந்துராஹ் ஸ்ரீயம் ஜகந்துரந்தராஹ் 8॥
பிரபுல்லானில்பங்கஜ்ப்ரபஞ்ச்கலிம்பிரபா முரண்பாடாக, ரர்ருச்சி பிரபந்தபந்தரம்.
ஸ்மரசிந்தம் புரச்சிந்த் பவச்சிந்தம் மகச்சிந்தம் கஜச்சிதந்தகச்சிந்தம் தமன்தக்சிந்தம் பஜே 9॥
அகர்வசர்வமங்களா கலகடம்பமஞ்சரி ராஸ்ப்ரவ மாதுரி விஜிரும்பனா மதுவ்ரதம்.
ஸ்மிரந்தகம் புரதகம் பவண்டகம் மகண்டகம் கஜந்த்கந்தகாந்தகம் தமந்தகாந்தம் பஜே 10॥
ஜயத்வதப்ராடெலிச்சுஅம்புத்புஜங்கம்ஸ்ஃபுர்தகத்வினிமத்காரால் பால் ஹவ்யவத்.
திமித்திமிதிமித்வான்மிருதங்துங்கமங்கள்த்வனிக்ரம்ப்ரதித: பிரசந்தா தாண்டவah சிவ: 11॥
த்ரிஷ்ட்விசித்ரத்லப்யோர்புஜங்கமouக்திகமஸ்ரஜோர்கரிஷ்ரத்நலோஷ்டியோ ஸுஹ்ரித்விபக்ஷபக்ஷோஹ்.
த்ரிநார்விந்த்சாக்ஷுஷோ ப்ரஜாமஹிமஹேந்திரயோ சம் பிரவர்தயன்மனஹ் சில நேரங்களில் சதாசிவ் பஜே 12॥
சில நேரங்களில் நிலிம்ப நிர்ஜாரி நிகுஞ்சகோதரே வாசன் விமுக்த்துர்மதிஹ் எப்போதும் ஷிரஸ்தமஞ்சலிம் வாகன்.
விமுக்த்லோல்லோச்னோ லாலம்பல்லாக்னக்: ஷிவேதி மந்திரமுச்சரன் கட ஸுகி பாவமயம் 13॥
நீலிம்ப நாதநகரி கடம்ப மulaலமாலிகா-நிகும்ப்நிர்பக்ஷரணம் துஷ்ணிகாமனோகரா.
தனோது நோ மனோமுதம் வினோதினிமஹனிஷம் பரிஷ்ரய பரம் பதம் ததாங்ஜத்விஷன் சாயா 14॥
ப்ரசந்த வடவனல் ப்ரபாஷுப்பிரசாரணி மகாஷ்டசித்திகாமினி ஜனவஹூத் ஜல்பனா
விமுக்த் வம் லோச்சனோ விவாகாலிகதோனி: ஷிவேதி மந்திரபுஷகோ ஜகஜ்ஜய் ஜெய்தம் 15॥
ஐம் ஹி நித்யமேவ முக்தமுக்தோட்டம் ஸ்தவம் பதன்ஸ்மரன் ப்ருவண்ணரோ விஷுதமேதி சந்தம்.
ஹரே குரு உபக்திமாஷு யதி நாந்யதகதிம் விமோஹனம் ஹி தேஹனம் சுஷங்கர்ஸ்ய சிந்தனம் 16॥
பிரதோஷே பூஜவாசநாசம்யே தஷகிருத்ரகீதம் யா ஷம்பூபூஜன்பரம் ஓதினார்.
தஸ்ய நிலையான ரதகஜேந்திரதுரங்கயுக்தம் லக்ஷ்மி எப்போதும் ஸுமுகிம் ப்ரதாதி ஷம்பு 17॥
Shiv Tandav Stotram Lyrics In Sanskrit?
Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi
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Posted by Jha
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प्रिय पाठको हम आशा करते हैं कि आपको शिव तांडव स्त्रोतम अपनी भाषा में अत्यधिक पसंद आया होगा भगवान शिव सबकी मनोकामना पूरी करें और आप भी भगवान शिव की आराधना में रावण रचित शिव तांडव स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं इसके नियमित पाठ करने से भगवान शिव सब की मनोकामना पूरी करते हैं अगर आप इसे अपनी किसी और भाषा में चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं
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