Subhadra Kumari Chauhan Biography In Hindi,Subhadra Kumari Chauhan history,Jivan Parichay,Age, poems in hindi,Height, son ,Husband ,Caste, family ,Career, award
आज हम आपको यहां पर Subhadra Kumari Chauhan के बारे में बताने वाले हैं, अगर आप भी एक छात्र हैं और आप सुभद्रा कुमारी चौहान के बारे में नहीं जानते हैं, उनकी रचनाओं के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको यहां पर कवित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की जीवन परिचय या आप अंग्रेजी में यूं कह लें कि Subhadra Kumari Chauhan Biography In Hindi में समझाने वाले हैं | साथ ही साथ उन्होंने जीवन से किस प्रकार से मजबूरियों में भी समस्याओं में भी हार ना मानकर प्रसिद्ध कई रचनाएं लिखी और उन्होंने अपने जीवन की समस्याओं को दूर भगा कर हम भारतीयों को एक नई पहचान दी |
आज हम आपको सुभद्रा कुमारी चौहान के पूरे जीवन की गाथा बताने वाले हैं, उनका जीवन किस प्रकार से बीता सुभद्रा कुमारी चौहान की आयु क्या थी, और उनके पूरे कैरियर के बारे में विस्तार से बताएंगे तो अगर आप भी एक हिंदी कक्षा के विद्यार्थी हैं , या आप Subhadra Kumari Chauhan Jivan Parichay को जानने में रुचि रखते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहे |
Subhadra Kumari Chauhan Biography In Hindi highlights
आर्टिकल का नाम | Subhadra Kumari Chauhan Biography |
लेखिका का नाम ( write a name ) | सुभद्रा कुमारी चौहान |
पिता का नाम ( Name of fathers ) | ठाकुर रामनाथ सिंह |
भाषा ( Language ) | हिंदी |
प्रसिद्ध कविता ( Famous poem ) | झांसी की रानी कविता |
जन्म का स्थान ( Place of Birth ) | निहालपुर, इलाहाबाद ,उत्तर प्रदेश |
काल अवधि ( Period of Birth ) | 1904-1948 |
जन्मतिथि ( Date of Birth ) | 06/07/2022 |
जीवन साथी का नाम ( Spouse ) | ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान |
बच्चे ( Children ) | 5 |
जन्म राज्य ( Birth State ) | उत्तर प्रदेश |
नागरिकता ( Citizenship ) | भारतीय |
व्यवसाय ( Business ) | कवयित्री |
मृत्यु ( Death ) | 15/02/2022 |
मृत्यु का कारण ( Cause of death ) | कार दुर्घटना |
मृत्यु का स्थान ( Death Place ) | मध्य प्रदेश का सिवनी जिला |
बालों का रंग ( Hair Colour) | काला |
आंख का रंग ( Eye Colour ) | काला |
धर्म ( Religion ) | हिंदू |
शिक्षा ( Education ) | नौवीं क्लास पास |
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Subhadra Kumari Chauhan ka shuruaati Jeevan?
” सुभद्रा कुमारी चौहान ” का जन्म एक बहुत ही संपन्न परिवार में हुआ था इनका जन्म नाग पंचमी के दिन हुआ था | इनका जन्म स्थान निहालपुर नामक गांव इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था इनका परिवार बहुत ही संपन्न था | इन्हें अपने बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था और इनकी कविताओं में राष्ट्रीयता की भावना झलकती थी सुभद्रा कुमारी चौहान 2 बहने और इनके 3 भाई थे |
सुभद्रा कुमारी चौहान की शुरुआती शिक्षा ( Subhadra Kumari Chauhan Education )
ऐसा बताया जाता है कि इनके पिता शिक्षा के बहुत ही प्रिय थे उन्हें शिक्षा बहुत पसंद थी और उन्हीं की देखरेख में इनकी प्रारंभिक शिक्षा दी गई इसके बाद उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा इलाहाबाद के ही एक क्रास्थवेट गर्ल्स स्कूल से प्राप्त की | उसके बाद उन्होंने सन 1919 में अपनी मिडिल स्कूल को पास किया और उसके बाद खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह से सुभद्रा कुमारी चौहान का विवाह किया गया और यह विवाह के बाद जबलपुर में चली गई |
Subhadra Kumari Chauhan Family ( सुभद्रा कुमारी चौहान का परिवार ?
सुभद्रा कुमारी चौहान के परिवार में पिता पति दो बेटियां और तीन बेटे थे जिन की जानकारी निम्न वत है |
पिता ( Subhadra Kumari Chauhan Father ) | रामनाथ सिंह |
पति ( Subhadra Kumari Chauhan Husband ) | ठाकुर लक्ष्मण सिंह |
बेटे ( Subhadra Kumari Chauhan’s son ) | अजय चौहान, अशोक चौहान, विजय चौहान |
बेटियां ( Subhadra Kumari Chauhan daughter ) | ममता चौहान, सुधा चौहान |
सुभद्रा कुमारी चौहान का वैवाहिक जीवन ( Subhadra Kumari Chauhan Marriage Life )
सुभद्रा कुमारी चौहान के शुरुआती जीवन में उनकी शुरुआती शिक्षा होने के बाद कम उम्र में ही उनका विवाह कर दिया गया था विवाह के समय उनकी उम्र मात्र 16 वर्ष की थी वर्ष 1919 में उनका विवाह मध्य प्रदेश राज्य के खंडवा जिले में किया गया था सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान था और शादी के बाद सुभद्रा कुमारी चौहान मध्य प्रदेश के जबलपुर में आ गए |
विवाह के उपरांत सुभद्रा कुमारी चौहान की जिंदगी चलने लगी इसके बाद इनकी 5 संतान हुई जिनमें से दो बेटी जिनका नाम सुधा चौहान और ममता चौहान था | और इसके बाद इनकी तीन बेटे विजय चौहान, अशोक चौहान, और अजय चौहान हुए | उसके बाद बेटी सुधा चौहान की शादी प्रेमचंद के बेटे अमृतराय से कर दी गई और उसके बाद उनकी बेटी सुधा चौहान ने अपनी माता की जीवनी लिखी और इस जीवनी का नाम था मिले तेज से तेज |
सुभद्रा कुमारी चौहान का कैरियर
बाल्यकाल से ही सुभद्रा कुमारी चौहान को कविताएं लिखने का बड़ा ही शौक था उन्होंने अपने शुरुआती जीवन से ही राष्ट्रीयता की भावना में कहानी लिखना शुरू किया था बिखरे मोती उनका सबसे पहला कहानी संग्रह है और इस कहानी संग्रह में उन्होंने कुल मिलाकर 15 कहानियां लिखी हैं जिन कहानियों में निम्नलिखित कहानियां शामिल है |
- पापी पेट
- होली
- मछली रानी
- परिवर्तन
- दृष्टिकोण
- कदंब के फूल
- किस्मत
- मछुआ की बेटी
- एकादशी
- आहुति
- अनुरोध
- ग्रामीण
- थाती
- अमराई
- भग्नावशेष
इन कहानियों को सुभद्रा कुमारी चौहान ने सरल भाषा में लिखा यह एक सरल बोलचाल की भाषा थी जो तंत्र प्रयोग में लाई जाती है इनकी अधिकांश कहानियां नारियों के ऊपर केंद्रित होती हैं और नारियों पर विमर्श करती हैं कुछ कहानियों से इनकी राष्ट्रीयता की भावना झलकती है |
सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता?
अपने जीवन में सुभद्रा कुमारी चौहान ने कई कविताएं लिखी यह अपने जीवन की बहुत ही उच्च दर्जे की महान कवियत्री थी इन्होंने अपनी शुरुआती उम्र में ही कविताएं लिखना शुरू किया था लेकिन अब उन्हें अपने बचपन में ज्यादा पैसे ना होने के कारण कविताओं पर इतने अच्छे तरीके से नहीं लिख सका फिर उन्होंने अपने जीवन काल में एक सबसे प्रसिद्ध कविता लिखी जिसका नाम था झांसी की रानी |
इस कविता में उन्होंने झांसी की रानी की जिंदगी की कहानी बताई है और इसे कविता के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया है यह इनकी झांसी की रानी कविता बहुत ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध साबित हुई है जिन इस कविता ने इन्हें प्रसिद्धि दिलाई है |
झांसी की रानी कविता की कुछ लाइनें इस प्रकार हैं :-
”सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी |
||
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी|
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। |
|
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी|
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी”।
इस झांसी की रानी कविता मैं झांसी की रानी की वीरता के बारे में बताया गया है सन 18 सो 57 की क्रांति में झांसी की रानी ने किस प्रकार से अपना योगदान दिया और अंग्रेजों से डटकर किस प्रकार मुकाबला किया इसके बारे में इस कविता में बताया गया है हिंदी साहित्य की यह सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली कविता है और देशभक्ति के जीवन में यह कविता सबसे ज्यादा जानी जाती है |
आज भी इस कविता को हिंदी साहित्य के क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोग पसंद करते हैं इसके साथ-साथ ऐसी इन्होंने और भी कविताएं लिखी इन कविताओं को पढ़कर भारतीय युवाओं के मन में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए एक जुनून सा आ जाता था और इन कविताओं से प्रेरित होकर कई युवाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया |
स्वतंत्रता आंदोलन में सुभद्रा कुमारी चौहान का योगदान?
कवियत्री होने के साथ-साथ सुभद्रा कुमारी चौहान ने देश की स्वतंत्रता में भी अपना योगदान दिया | जब महात्मा गांधी ने अपना असहयोग आंदोलन चलाया तब उसमें सुभद्रा कुमारी चौहान और उनके पिता ने भी इस आंदोलन में हिस्सा लिया वर्ष 1921 में यह असहयोग आंदोलन में आए | उसके बाद फिर 1923 और उसके अलावा 1942 में अंग्रेजी शासन के खिलाफ उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए इसके साथ-साथ इन्हें इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण दो बार जेल भी जाना पड़ा | यह एक ऐसी पहली महिला थी जिन्होंने पहली बार सत्याग्रही मैं नागपुर में गिरफ्तार हुई थी |
सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएं,कविताएं और कहानियां?
subhadra kumari chauhan की निम्नलिखित कृतियां है |
सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी संग्रह |
- बिखरे मोती
- उन्मादिनी
- सीधे-साधे चित्र
- सीधे-साधे चित्र
कहानी संग्रह subhadra kumari chauhan –
- मुकुल
- त्रिधारा
- मुकुल
- etc
बाल साहित्य सुभद्रा कुमारी चौहान –
- झाँसी की रानी
- कदम्ब का पेड़
- सभा का खेल
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु?
मध्य प्रदेश के जबलपुर के नगर निगम कार्यालय में सुभद्रा कुमारी चौहान की एक प्रतिमा रखी गई है उसके बाद बताया जाता है कि 15 फरवरी 1948 को सिवनी मध्य प्रदेश में जब सुभद्रा कुमारी चौहान कार से जा रही थी तब उनकी एक दुर्घटना में अकाल मृत्यु हो गई उसके साथ-साथ उन्हें सम्मान देने के लिए भारतीय तटरक्षक जहाज का नाम रखा गया |
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Posted by Hinditime
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FAQs Subhadra Kumari Chauhan Biography in Hindi?
सुभद्रा कुमारी चौहान कौन थी?
प्रसिद्ध कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है जिनकी कविता झांसी की रानी सबसे ज्यादा चर्चित है |
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म स्थान कहां है?
इनका जन्म इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गांव में हुआ था
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब हुआ?
16 अगस्त 1904
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कब हुई?
15 फरवरी 1948
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु का क्या कारण था?
कार एक्सीडेंट दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई थी
प्रसिद्ध कविताएं सुभद्रा कुमारी चौहान की कौन सी है?
झांसी की रानी सुभद्र कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता है
सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का क्या नाम था?
ठाकुर लक्ष्मण सिंह?
सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का क्या नाम था?
इनके पिता का नाम राम नाथ सिंह