shardiya navratri 2025 : माता के सभी भक्त गण Shardiya navratri 2025 Kab Hai इसका इंतजार कर रहे हैं | गणेश विसर्जन के बाद लोगों को और हमारे सभी भक्तों गणों को नवदुर्गा आने का और माता के विराजमान होने का इंतजार रहता है | ऐसे में अगर आप यह जानना चाहते हैं कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि किस दिन से शुरू हो रही है और नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है | इसके बारे में हम यहां पर चर्चा करेंगे इसके अलावा शारदीय नवरात्रि 2025 की पूजा विधि के बारे में भी जानकारी देंगे |
इस पोस्ट में क्या क्या है
शारदीय नवरात्रि 2025 : ओक्टूबर से शुरू हो रही हैं और 29 सितंबर 2025 से लगातार 9 दिन तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी इस वर्ष माता के भक्त गण पूरे हर्षोल्लास के साथ माता रानी के भक्त बनकर माता के श्री चरणों में और उनकी आराधना और भक्ति में लीन रहते हैं |
शारदीय नवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त
क्रिया | मुहूर्त |
---|---|
घट स्थापना | सुबह 06:10 से 08:30 बजे तक |
चंद्र दर्शन | शाम 07:15 बजे |
अष्टमी पूजन | 6 अक्टूबर 2025 |
नवमी पूजन | 7 अक्टूबर 2025 |
विजयादशमी | 8 अक्टूबर 2025 |
shardiya navratri 2025
हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि के दिन माता दुर्गा जी के नौ रूप भक्त बड़ों के घर में आते हैं और अपने भक्तों को सुख संपत्ति वैभव का वरदान देते हैं ऐसे भक्तगण जो माता दुर्गा के व्रत को रखते हैं और 9 दिन माता की पूजा अर्चना करते हैं माता ऐसे अपने भक्तों पर कृपा बरसाए रखती हैं आइए हम शारदीय नवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं और इनके पूजा विधि के बारे में जानते हैं |
Shardiya navratri 2025 kab hai ( शारदीय नवरात्रि कब है )
29 सितंबर 2025 दिन सोमवार से मां भगवती शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है भक्तगण मां जगदंबा का व्रत और नवदुर्गा की स्थापना अपने घरों में करेंगे |
Subh Muhurat Shardiya Navratri 2025?
शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथि:
शारदीय नवरात्रि का आरंभ 29 सितंबर 2025, सोमवार से होगा और 8 अक्टूबर 2025, बुधवार को समाप्त होगी।
- प्रतिपदा (कलश स्थापना) – 29 सितंबर 2025
- द्वितीया – 30 सितंबर 2025
- तृतीया – 1 अक्टूबर 2025
- चतुर्थी – 2 अक्टूबर 2025
- पंचमी – 3 अक्टूबर 2025
- षष्ठी – 4 अक्टूबर 2025
- सप्तमी – 5 अक्टूबर 2025
- अष्टमी (महाअष्टमी) – 6 अक्टूबर 2025
- नवमी (महानवमी) – 7 अक्टूबर 2025
- दशमी (विजयादशमी) – 8 अक्टूबर 2025
शारदीय नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि का अर्थ होता है ‘नौ रात्रियां’, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। यह पर्व सकारात्मक ऊर्जा, शुद्धता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं, मां दुर्गा की आराधना करते हैं और घरों में भक्ति-भाव का माहौल रहता है।
धार्मिक महत्व
- असुरों पर देवों की विजय – इस पर्व को असुर महिषासुर पर मां दुर्गा की विजय के रूप में मनाया जाता है।
- आध्यात्मिक शुद्धि – भक्त इस दौरान उपवास रखकर आत्मशुद्धि करते हैं।
- घर में सुख-समृद्धि – मां दुर्गा की कृपा से घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली आती है।
वैज्ञानिक महत्व
- यह समय ऋतु परिवर्तन का होता है, इसलिए उपवास रखने से शरीर डिटॉक्स होता है।
- सात्विक भोजन से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
शारदीय नवरात्रि की पूजा विधि
shardiya navratri 2025 : नवरात्रि के दौरान घर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कलश स्थापना इस पूजा का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। आइए जानते हैं नवरात्रि की संपूर्ण पूजा विधि:
1. कलश स्थापना (घट स्थापना)
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
- मिट्टी के बर्तन में जौ बोकर उस पर जल से भरा कलश स्थापित करें।
- कलश पर आम के पत्ते रखें और नारियल रखें।
- दुर्गा माता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
2. मां दुर्गा की पूजा
- मां दुर्गा को लाल फूल, अक्षत, रोली और सिंदूर अर्पित करें।
- दीप जलाएं और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- नौ दिनों तक अखंड दीप जलाएं।
- भोग में फल, दूध, मखाने और हलवा-पूरी अर्पित करें।
3. कन्या पूजन
- अष्टमी और नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं।
- कन्याओं को हलवा-पूरी, चने और नारियल दें।
- दक्षिणा और उपहार देकर विदा करें।
नवरात्रि में व्रत और उपवास के नियम
shardiya navratri 2025 : नवरात्रि में कई भक्त व्रत (उपवास) रखते हैं। उपवास रखने के कुछ नियम निम्नलिखित हैं:
1. पूर्ण उपवास
- केवल जल या दूध ग्रहण किया जाता है।
2. फलाहार व्रत
- फल, दूध, मखाना, साबुदाना, सिंघाड़े का आटा आदि का सेवन किया जाता है।
3. एक समय भोजन
- भक्त केवल एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।
- इसमें सेंधा नमक, कुट्टू का आटा, समा के चावल आदि खाए जाते हैं।
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूप
हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है:
- पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा।
- दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की आराधना।
- तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा का पूजन।
- चौथा दिन: मां कूष्मांडा की उपासना।
- पांचवां दिन: मां स्कंदमाता की पूजा।
- छठा दिन: मां कात्यायनी का पूजन।
- सातवां दिन: मां कालरात्रि की आराधना।
- आठवां दिन: मां महागौरी की उपासना।
- नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा।
मां दुर्गा के नौ रूप
- शैलपुत्री (
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कूष्माण्डेति
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।। [1]
नव दुर्गा पूजा सामग्री
समस्त भक्त गण जो माता के घटस्थापना करते हैं उन सभी के लिए और माता की पूजा के लिए निम्नलिखित पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है |
- हल्दी
- कपूर
- जनेऊ
- आम के पत्ते
- कुमकुम
- पूजा के पान
- सुपारी
- नारियल
- चौकी पाठ
- गुड खोपरा
- बादाम
- मिठाई
- धूपबत्ती
- सिक्के
- कुश का आसन
- पांच प्रकार के फल
- फूलों का हार
- इत्यादि
disclaimer :- यहां पर दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार है hinditime.org इसकी किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता है | और ऐसी किसी भी बात पर अमल करने से पहले किसी योग्य जानकार से संपर्क करें
महत्वपूर्ण लिंक – Shardiya Navratri Pooja 2025
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✅ shardiya navratri 2025 date | 29 सितंबर 2025 |
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Shardiya Navratri 2025 Kab Hai
FAQs Navratri 2025
1. शारदीय नवरात्रि 2025 कब से कब तक होगी?
शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर 2025 से शुरू होगी और 8 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगी।
2. नवरात्रि में कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?
हर दिन अलग-अलग रंगों के कपड़े पहनने की परंपरा है। जैसे – पहले दिन लाल, दूसरे दिन सफेद, तीसरे दिन नीला, आदि।
3. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना या नाखून काटना वर्जित है?
हाँ, नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना और नाखून काटना शुभ नहीं माना जाता है।
4. क्या नवरात्रि में प्याज और लहसुन खाना चाहिए?
नहीं, नवरात्रि में सात्विक भोजन करने की परंपरा है, जिसमें प्याज और लहसुन नहीं खाया जाता।

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