Karwa Chauth Vrat Katha 2025 : करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं को करवा चौथ व्रत कथा पढ़ना अनिवार्य होता है और सभी को यह जानना होता है कि आखिर करवा चौथ का त्यौहार किस लिए मनाया जाता है और इसकी क्या धार्मिक मान्यताएं हैं विश्व भर में महिलाओं द्वारा यह व्रत मनाया जाता है करवा चौथ का व्रत सभी सुहागन महिलाएं अपने पति के लिए इस व्रत को रखती हैं और इस व्रत का विधि विधान से पूजन करती हैं |
इस पोस्ट में क्या क्या है
करवा चौथ का व्रत बड़ा ही लाभकारी व्रत होता है जिसकी पूजा पूरी श्रद्धा और मन के साथ करनी होती है जिसकी पूजा विधि और पूजा की सामग्री भी अलग से लेनी होती है और पूरे विधि विधान से इसकी कथा करके पूजा को संपन्न करना होता है तो इसकी व्रत कथा क्या है उसके बारे में यहां पर आपको बताएंगे |
Karwa Chauth 2025: ओवरव्यू
विवरण | जानकारी |
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त्योहार का नाम | करवा चौथ 2025 |
तिथि | 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार |
चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 30 अक्टूबर 2025 को रात 09:30 PM |
चतुर्थी तिथि समाप्त | 31 अक्टूबर 2025 को रात 11:50 PM |
चंद्रोदय का समय | रात 08:15 PM (स्थान के अनुसार अलग हो सकता है) |
व्रत रखने वाली महिलाएं | विवाहित और अविवाहित दोनों |
व्रत का प्रकार | निर्जला व्रत |
मुख्य पूजा सामग्री | करवा, दीपक, छलनी, फल, मिठाई, रोली, चावल |
व्रत खोलने की प्रक्रिया | चंद्रमा के दर्शन के बाद पति द्वारा जल ग्रहण कराना |
Karwa Chauth 2025 कब है?
Karwa Chauth 2025 31 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है।
🔹 चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2025 को रात 09:30 PM से 🔹 चतुर्थी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2025 को रात 11:50 PM तक 🔹 चंद्रोदय समय: रात 08:15 PM (स्थान के अनुसार समय अलग हो सकता है)
Karwa Chauth Vrat Katha 2025
प्राचीन कथाओं के अनुसार तुंगभद्र नदी के पास देवी करवा अपने पति के साथ निवास किया करती थी जब एक दिन उनके पति नदी में स्नान करने गए हुए थे तो वहां उन्हें एक मगरमच्छ ने उनका पैर जकड़ लिया और वह उनको नदी में डूब आने लगा तब करवा के पति उन्हें पुकारने लगे |
उसके बाद जैसे ही करवा ने आवाज सुनी तो वह तुरंत दौड़कर उनके पास आए तो वह देखती हैं आकर कि मगरमच्छ उनके पति को मुंह में पकड़कर नदी में डूबा रहा है | उसके बाद करवाने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर उस मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया करवा का धागा इतना मजबूत था कि वह मगरमच्छ उस धागे को तोड़ना सका क्योंकि वह धागा सतीत्व के कारण बहुत मजबूत हो गया था |
करवा चौथ व्रत कथा – Karwa Chauth Vrat Katha 2025
अब येसे समय में करवा और उनके पति दोनों के प्राण संकट में आ गए थे | इसलिए उन्होंने यमराज भगवान को याद किया | उसके बाद जैसे ही यमराज आये तो उन्होंने यमराज से प्रार्थना की कि वह मगरमच्छ को इसका दंड दें और उनके प्राण ले जाएं | लेकिन उनके पति को जीवन दान दें लेकिन इस पर यमराज ने मना कर दिया | उन्होंने कहा कि अभी मगरमच्छ की आयु शेष है लेकिन उनके पति की आयु समाप्त हो चुकी है| इसलिए यह बात सुनकर करवा को क्रोध आ गया और उन्होंने यमराज को गुस्से में आकर श्राप देने की बात कही |

श्राप के डर से यमराज ने तुरंत ही मगरमच्छ को यमलोक में पहुंचा दिया और करवा के पति को जीवनदान दिया | इसी कारण से यह व्रत मनाया जाता है और जिस प्रकार से करवा माता ने अपने पति के प्राण बचाए थे और अपने सुहाग की रक्षा की थी उसी प्रकार से करवा माता द्वारा बांधा गया वह कच्चा धागा प्रेम और विश्वास में बढ़कर इतना मजबूत हो गया | इसी के चलते यमराज सावित्री के पति के प्राण अपने साथ नहीं ले गए थे |
Karwa Chauth पूजा विधि (Puja Vidhi)
Karwa Chauth की पूजा विधि इस प्रकार है:
🔹 1. सरगी का सेवन
👉 सरगी सुबह सूर्योदय से पहले खाई जाती है। 👉 सास द्वारा दी गई मिठाई, फल, दूध, सेवई, और ड्राई फ्रूट्स खाने का प्रचलन है। 👉 इसके बाद संकल्प लें कि आप पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगी।
🔹 2. संध्या पूजा विधि
👉 शाम के समय करवा चौथ व्रत कथा सुनी जाती है। 👉 एक करवा (मिट्टी का घड़ा), दीया, फूल, रोली, चावल, मिठाई, और जल से पूजन करें। 👉 गौरी माता और चंद्रमा की पूजा करें।
🔹 3. चंद्र दर्शन और व्रत खोलना
👉 रात में चंद्रमा निकलने के बाद उसकी पूजा करें। 👉 छलनी से पति का चेहरा देखें और उन्हें जल अर्पित करें। 👉 पति के हाथों से पानी या मिठाई ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
Karwa Chauth व्रत का महत्व
Karwa Chauth का विशेष महत्व है। यह व्रत न केवल पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, बल्कि इसे सती सावित्री और अन्य पौराणिक कथाओं से भी जोड़ा जाता है।
इस व्रत के लाभ: ✔ पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और विश्वास बढ़ता है। ✔ जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ✔ यह व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ✔ संतान सुख और पारिवारिक कल्याण में वृद्धि होती है।
पूजा सामग्री Karwa Chauth Vrat
निम्नलिखित पूजा सामग्री की आवश्यकता होगी और यह करवा चौथ पूजा सामग्री आपको जरूर लेनी चाहिए
- चंदन
- अगरबत्ती
- शहद
- कच्चा दूध
- पुष्प
- शक्कर
- शुद्ध घी
- मिठाई
- दही
- गंगाजल
- चावल
- सिंदूर
- मेहंदी
- महावर
- बिंदी
- कंघा
- चुनरी
- चूड़ी
- बिछिया
- पीली मिट्टी
- लकड़ी का आसन
- छलनी
- जल का कटोरा
- आलू का
- हल्दी
- टोटी दार करवा और ढक्कन
- दीपक
- रूई
- कपूर
- गेहूं
- शक्कर का बूरा
- आठबरी
Karwa Chauth से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
1. क्या अविवाहित लड़कियां Karwa Chauth का व्रत रख सकती हैं?
हाँ, अविवाहित लड़कियां भी अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए यह व्रत रख सकती हैं।
2. क्या करवा चौथ का व्रत पानी पीकर किया जा सकता है?
पारंपरिक रूप से यह निर्जला व्रत होता है, लेकिन यदि स्वास्थ्य कारणों से कोई कठिनाई हो, तो पानी पी सकते हैं।
3. क्या सरगी खाना जरूरी होता है?
हाँ, सरगी इस व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे पूरे दिन व्रत रखा जा सकता है।
4. यदि चंद्रमा दिखाई न दे तो क्या करें?
यदि चंद्रमा बादलों के कारण नहीं दिख रहा, तो समय अनुसार चंद्र पूजन कर सकते हैं और तस्वीर के माध्यम से भी दर्शन कर सकते हैं।
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