Karwa Chauth Vrat Katha 2023 : व्रत रखने वालों को जरूर पढ़नी चाहिए, अन्यथा नहीं मिलेगा पूजा का फल

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Karwa Chauth Vrat Katha 2023 : करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं को करवा चौथ व्रत कथा पढ़ना अनिवार्य होता है और सभी को यह जानना होता है कि आखिर करवा चौथ का त्यौहार किस लिए मनाया जाता है और इसकी क्या धार्मिक मान्यताएं हैं विश्व भर में महिलाओं द्वारा यह व्रत मनाया जाता है करवा चौथ का व्रत सभी सुहागन महिलाएं अपने पति के लिए इस व्रत को रखती हैं और इस व्रत का विधि विधान से पूजन करती हैं |

करवा चौथ का व्रत बड़ा ही लाभकारी व्रत होता है जिसकी पूजा पूरी श्रद्धा और मन के साथ करनी होती है जिसकी पूजा विधि और पूजा की सामग्री भी अलग से लेनी होती है और पूरे विधि विधान से इसकी कथा करके पूजा को संपन्न करना होता है तो इसकी व्रत कथा क्या है उसके बारे में यहां पर आपको बताएंगे |

Karwa Chauth Vrat Katha 2023

प्राचीन कथाओं के अनुसार तुंगभद्र नदी के पास देवी करवा अपने पति के साथ निवास किया करती थी जब एक दिन उनके पति नदी में स्नान करने गए हुए थे तो वहां उन्हें एक मगरमच्छ ने उनका पैर जकड़ लिया और वह उनको नदी में डूब आने लगा तब करवा के पति उन्हें पुकारने लगे | उसके बाद जैसे ही करवा ने आवाज सुनी तो वह तुरंत दौड़कर उनके पास आए तो वह देखती हैं आकर कि मगरमच्छ उनके पति को मुंह में पकड़कर नदी में डूबा रहा है | उसके बाद करवाने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर उस मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया करवा का धागा इतना मजबूत था कि वह मगरमच्छ उस धागे को तोड़ना सका क्योंकि वह धागा सतीत्व के कारण बहुत मजबूत हो गया था |

करवा चौथ व्रत कथा – Karwa Chauth Vrat Katha 2023

अब येसे समय में करवा और उनके पति दोनों के प्राण संकट में आ गए थे | इसलिए उन्होंने यमराज भगवान को याद किया | उसके बाद जैसे ही यमराज आये तो उन्होंने यमराज से प्रार्थना की कि वह मगरमच्छ को इसका दंड दें और उनके प्राण ले जाएं | लेकिन उनके पति को जीवन दान दें लेकिन इस पर यमराज ने मना कर दिया | उन्होंने कहा कि अभी मगरमच्छ की आयु शेष है लेकिन उनके पति की आयु समाप्त हो चुकी है| इसलिए यह बात सुनकर करवा को क्रोध आ गया और उन्होंने यमराज को गुस्से में आकर श्राप देने की बात कही |

Karwa Chauth Vrat Katha 2022

श्राप के डर से यमराज ने तुरंत ही मगरमच्छ को यमलोक में पहुंचा दिया और करवा के पति को जीवनदान दिया | इसी कारण से यह व्रत मनाया जाता है और जिस प्रकार से करवा माता ने अपने पति के प्राण बचाए थे और अपने सुहाग की रक्षा की थी उसी प्रकार से करवा माता द्वारा बांधा गया वह कच्चा धागा प्रेम और विश्वास में बढ़कर इतना मजबूत हो गया | इसी के चलते यमराज सावित्री के पति के प्राण अपने साथ नहीं ले गए थे |

पूजा सामग्री Karwa Chauth Vrat

निम्नलिखित पूजा सामग्री की आवश्यकता होगी और यह करवा चौथ पूजा सामग्री आपको जरूर लेनी चाहिए

  • चंदन
  • अगरबत्ती
  • शहद
  • कच्चा दूध
  • पुष्प
  • शक्कर
  • शुद्ध घी
  • मिठाई
  • दही
  • गंगाजल
  • चावल
  • सिंदूर
  • मेहंदी
  • महावर
  • बिंदी
  • कंघा
  • चुनरी
  • चूड़ी
  • बिछिया
  • पीली मिट्टी
  • लकड़ी का आसन
  • छलनी
  • जल का कटोरा
  • आलू का
  • हल्दी
  • टोटी दार करवा और ढक्कन
  • दीपक
  • रूई
  • कपूर
  • गेहूं
  • शक्कर का बूरा
  • आठबरी

महत्वपूर्ण लिंक – Karwa Chauth Vrat Katha 2023

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