Jhansi Ki Rani Fort in Jhansi : अगर आपने अभी तक Jhansi Ka Kila को नहीं देखा है जहां पर झांसी की रानी रहती थी तो हम आपको यहां पर बताएंगे कि आप झांसी का किला कैसे देख सकते हैं इतिहास में झांसी के किले की जानकारी आपको मिलती है ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा जिसने झांसी की रानी के बारे में ना सुना हो |
1857 की क्रांति में झांसी की रानी ने अंग्रेजों के साथ युद्ध किया था जो कि इतिहास के पन्नों में दर्ज है जिनके वीरता की कहानियां हर जगह मशहूर हैं और झांसी की रानी झांसी के महल में रहती थी जिन्होंने झांसी का किला नहीं देखा है, उनको Jhansi Ka Kila देखना चाहिए कि किस प्रकार से अंग्रेजों ने इस किले के ऊपर आक्रमण किया था | और उसके बाद Jhansi Ki Rani ने अपने किले से घोड़े के साथ छलांग लगाई थी तो अगर आप भी झांसी का किला भ्रमण करना चाहते हैं तो उसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में दी गई है जिसे आप ध्यानपूर्वक पढ़ें |
Jhansi Fort in Jhansi in Hindi Hailight
आर्टिकल का नाम | Jhansi Ki Rani Fort in Jhansi |
आर्टिकल का प्रकार | Jhansi ka kila |
राज्य का नाम | उत्तर प्रदेश |
Jhansi ka kila ka address | Jhokan Bagh, Jhansi, Uttar Pradesh 284002 |
जिला का नाम | झांसी |
नजदीकी रेलवे स्टेशन | झांसी रेलवे स्टेशन |
नजदीकी एयरपोर्ट | ग्वालियर एयरपोर्ट |
कहां है झांसी का किला ( Jhansi Ki Rani )
झांसी का किला बहुत ही विख्यात स्थान है ऐसे व्यक्ति जो इतिहास के बारे में जानने की रुचि रखते हैं उन्हें एक बार झांसी का किला जरूर घूमना चाहिए | अक्सर झांसी के किले में पर्यटक आते रहते हैं यहां पर देश-विदेश से लोग आते हैं |
Jhansi Ka Kila भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी जिले में आता है जिसकी झांसी रेलवे स्टेशन से दूरी मात्र 3.8 किलोमीटर है | वहीं अगर आप Jhansi Ka Kila घूमने के लिए हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए नजदीकी एयरपोर्ट ग्वालियर में उतरना होगा दिल्ली से ग्वालियर के लिए फ्लाइट चलती है | और ग्वालियर से झांसी की दूरी मात्र 100 किलोमीटर है जो कि आप प्राइवेट टैक्सी करके या ट्रेन या बस के माध्यम से Jhansi Ka Kilaआ सकते हैं |
Jhansi ka Kila ki Jankari (झांसी के किले की पूरी जानकारी )
झांसी का किला उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में बगिरा नामक एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इसे 17वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह देव ने बनवाया था। आजादी से पहले, इस किले का एक हिस्सा 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ लड़ाई में नष्ट हो गया था। चंदेल वंश के अवशेष इस किले में एक संग्रहालय में भी देखे जा सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है।
आप यहां शहीदों को समर्पित एक युद्ध स्मारक भी देख सकते हैं। रानी लक्ष्मीबाई पार्क भी यहीं बना है। इस किले से झांसी का खूबसूरत नजारा भी देखा जा सकता है। इस किले में प्रवेश शुल्क 5 रुपये है, और यह सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच खुला रहता है।
Jhansi Rani Mahal In Jhansi?
रानी महल किले के बाहर के दरवाजे से लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित है यह सूबेदार रघुनाथ राव द्वितीय ने 1796 में बनवाया था अंग्रेजों द्वारा किले का अधिग्रहण करने के बाद रानी इसी महल में रहा करती थी |
आपातकाल की स्थिति में रानी ने इसे अपना आवास स्थान बनाया था जहां पर बड़े-बड़े कक्ष है और यहां पर एक फव्वारा भी लगा हुआ है और यहां पर एक छोटा सा पार्क भी है इसके साथ-साथ यहां पर चूने के पक्षी पशु और जानवर की आकृतियां भी आपको देखने को मिल जाएंगे |
Jhansi Ki Rani Museum in Jhansi?
अगर आप झांसी की रानी म्यूजियम जाना चाहते हैं तो यह आपको झांसी के किले से मात्र 200 मीटर दूर स्थित है यहां आप पैदल या ऑटो या टैक्सी से जा सकते हैं यहां पर आपको झांसी के किले से जुड़ी हुई और इतिहास से जुड़ी हुई सभी प्राचीन चीजें मिल जाएंगे जहां पर आपको लड़ाई के दौरान प्रयोग होने वाले हथियार इसके अलावा और भी प्राचीन वस्तुएं आपको झांसी म्यूजियम में देखने को मिल जाएंगे यहां पर अक्सर लोग पुरातत्व चीजों को देखने के लिए इस संग्रहालय में आते रहते हैं |
झांसी की रानी के बारे में यह कविता सबसे ज्यादा चर्चित है
Jhansi Fort in Jhansi : सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
Link Jhansi Fort ( Jhansi Ka kila )
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